About हिंदी कहानियां लिखी हुई

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जब सालों से परदेश गये पति उनके सामने खड़े थे वो रोते हुए उनसे लिपट गईं.

अतः उसने निश्चय किया कि वह फिर से घौसला बनाने के कार्य में पूरी सिद्धत से लग जायेगी.

बरसात के दिन थे. शीला बच्चों को लेकर शाला जा रही थी.

अगली सुबह, जब सख्त पड़ोसी उठा, तो उसने पाया कि उसके सारे पौधे उखड़ गए और बर्बाद हो गए। वहीं, जब दूसरा पड़ोसी उठा, तो उसने पाया कि उसके पौधे अभी भी मिट्टी में मजबूती से लगे हुए हैं, इतने तूफान के बावजूद।

बिना देखे सुने किसी की बात पर भरोसा ना करें, इसी बात पर मेरे साथ घटा एक दिलचस्प वाकया है, मेरी नयी नयी जाॅब लगी थी और मैं एक नये शहर भोपाल में अपनी भतीजी के साथ वहां नौकरी करने गयी थी। भतीजी जिसका ...

उमा ने ध्यान दिया तो उस डाल पर एक सुंदर घास का घौसला बन रहा था. उसे बड़ी जिज्ञासा हुई तथा अपनी माँ से पूछने लगी, माँ यह चिड़िया पेड़ पर कितना सुंदर घौसला बना रही हैं जबकि हमारे घर में तो वह ऐसा नही बनाती हैं.

इसलिए कि इन्होने सहकार की भावना से काम किया. खुद भी खाओं दूसरों को भी खिलाओं, जिओं और जीने दो.

सभी ने अपनी अपनी बुद्धि लगाई पर इस समस्या का कोई हल न कर सका.

महात्मा जी ने कहा- भूमि का निर्णय तो हो ही जाएगा. वह कही भागे थोड़ी ही जा रही हैं. पहले भोजन हो जाए, ताकि मन मस्तिष्क ठिकाने आ जाए.

देखि सुदामा की दीन दशा करुना करिकै करुणानिधि रोए

Inspirational stories for youngsters of modest classes छोटी कक्षा के बच्चों के लिए शिक्षाप्रद कहानियाँ

कमरे में से हो हो ही ही की आवाज आती रही. चीखते चिल्लाते और लड़ते झगड़ते रहे.

वैसे तो उसको यह कीमत कुछ ज्यादा ही लगी, मगर अपने वतन की लाज रखने की खातिर उन्होंने वो एक सूत्र खरीद लिया.

लेकिन उनमें से एक छात्र रामास्वामी, जो गुरुकुल का सबसे होनहार छात्र था, चुपचाप एक वृक्ष के नीचे बैठा कुछ सोच रहा था.

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